- अगर रो पडूँ तेरे सामने मैं किसी दिन तो समझ लेना बर्दाश्त करने की हद्द थीमेरी
- दिल की बस्ती कभी नहीं बसती अब समझ आई मुझे ये बात
- मैं फिर इक हँसती हुई सुबह उसको लाकर दूँ, “वो” रात मेरी याद में गुज़ारे तोसही….
- तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा , वरना खेल तो इतने खेले है मैंने किकभी भी हारा नहीं
- जो अंदर से खतम हो चुका हो वही औरों को जीना सिखाता है
- कुछ ख्वाब देखे, फिर ख्वाईशें बनी, अब यादें हैं
- नहीं मिलती पनाह कहीं भी…… जब मोहब्बत बेपनाह हो जाए
- रिश्तों की तस्वीरों को जो साफ किया तो जाना कुछ चेहरों के रंग उड़ चुके हैं
- काश ! तुम ये समझ पाते… आसान नहीं होता यूँ वापिस लौट आना
- चुप – चाप दबे पांव, हम तेरी कहानी से निकल गए
- कर दिया ना फिर से तनहा ……. कसम तो ऐसे ली थी जैसे अब तुम सिर्फ मेरे हो
- बना कर छोड़ दिया है तुमने अपनी यादों का आदी , क्या तुम हसीन लोग इसतरह ही मोहब्बत का सिला देते हो
- ये जो तुम लफ़्हज़ों से बार बार चोट देते हो ना …. दर्द वहीं होता है जहाँ तुम रहतेहो
- तुम ऐतबार की बात करते हो , हमने तो तुम्हारे इंतज़ार से भी प्यार किया है
- मुझे पता है कि तुम मेरी नहीं हो सकती पर इस बात का एहसास बार बार मतदिलाया करो
- जो कभी डरा ही नहीं मुझे खोने से… वो क्या अफसोस करता होगा.. मेरे ना होनेसे
- टूटा हुआ दिल करता है मजबूर अपना फ़साना लिखने को , वरना किसे ख़ुशीमिलती है अपना दर्द लिख कर
- कभी सोचा करता था कैसे रह पाऊँगा तेरे बिना ….. देख तूने ये भी सिखा दियामुझे
- मोहब्बत रूठ जाए तो ज़िन्दगी कहाँ आबाद रहती है
- नहीं लगाऊँगा अब कोई पहरा दिल पर , है झूठी ये दुनिया और लोग है लुटेरे
- गलतफहमियाँ इंसान को तोड़ कर रख देती है…. अगर हम किससे प्यार नहींकरते तो उसे गलतफहमी में भी नही रखना चाहिए
- हम भी अक्सर फूलों की तरह तनहा रह जाते है , कभी खुद टूट जाते हैं , कभी लोग तोड़ जाते है
- मोहब्बत तो मेरी भी सच्ची थी ,प्यार के बंधन में लाख बांधना चाहा, लेकिनकिस्मत की डोर ही कच्ची थी
- प्यार हमेशा से ही खूबसूरत रहा है , दाग तो उसमें ख्वाइशें लगाती हैं
- प्यार की भाषा उस शख्स को कैसे समझाऊँ ….नफरत की आग लगी है उसकेसीने में, इन आँसूओ से कैसे बुझाऊँ
- एक बार कह कर तो देखा होता कि तुम किसी और के भी हो , भगवान् कीकसम तेरी परछाई से भी दूर रहते
- तुम्हें इतना क्यों चाहा… इस बारे में सोच कर कभी -कभी खुद से नफरत होजाती है
- जनाजा उठा है आज कसमों का मेरी, एक कन्धा तो तेरे वादों का भी बनता है…
- फ़रियाद कर रही है तरसती हुई निगाहें , देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया
- तेरे चले जाने के बाद इतने गम मिले की तेरे जाने का गम भी याद ना रहा
- बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में जब से हुआ है और कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता
- एक तस्वीर जलानी है अभी , हाँ मगर आँख में पानी है अभी
- कभी कभी दिल चाहता है , कि दिल अब कुछ भी ना चाहे
- आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की लम्हे तो अपने आप मिलते रहतेहै
- उम्र चाहे कितनी भी हो , सुना है दिल पर झुर्रियां नहीं पड़ती
- दिन छोटे और रातें लम्बी हो गई है , मौसम ने यादों का वक़्त बड़ा दिया है।
- लोग बदलते नहीं है बस उनकी ज़िन्दगी में आपसे कोई बेहतर आ जाता है
- तेरा दिल जब भी कोई दुखाएगा , याद तुझ को मेरा प्यार आएगा
- महफूज़ हैं तेरे प्यार के नगमे इस दिल में , जब मन करे तो दरवाज़ा खटखटा देना
- दिल का दर्द ब्यान करना अगर इतना ही आसान होता तो लोग गीतों का सहारा ना लेते
- कुछ रिश्ते बनते ही टूटने के लिये है प्यार के रिश्ते का नाम इन सबमे सबसे ऊपर है
- मालूम था मुझे वो न मेरी थी, न कभी होगी बस एक शौक था उसके पीछे जिन्दगी बर्बाद करने का
- सच्ची मोहब्बत में प्यार मिले ना मिले, लेकिन याद करने के लिए एक चेहराजरूर मिल जाता है
- तुझको मेरी न मुझको तेरी,खबर आएगी……ये ज़िन्दगी अब यूँही, दबे पाँव गुज़रजाएगी….
- दिल तोड़के अपना ही नुक्सान कर बैठी वो….. पगली को यो भी न पता की येदिल भी उसी के नाम है
- दिल मेरा दर्द तेरा … आजकल दोनों साथ रहते हैं
- मोहब्बत और मौत की पसंद तो देखिए …… एक को दिल चाहिए और दूसरे कोधड़कन
- कौन पूरी तरह काबिल है , कौन पूरी तरह पूरा है , हर एक शख्स कहीं ना कहींकिसी जगह से अधूरा है
- तूझे मेरी मुस्कान अच्छी लगती थी ले आज तूझे वो भी दे दी
- वो भी एक ज़माना था , जब तेरे मुँह से किसी और का नाम सुनना भी बर्दाश्त नहीं होता था , ये भी एक ज़माना है , जब तुझे किसी और के साथ बर्दाश्त कर रहे है
- तुम्हे क्या पता किस दौर से गुजर रहा हूँ मैं…कहने को तो ज़िंदा हूँ…मगर…मौत से गुज़र रहा हूँ मैं
- मैं तेरे इतने क़रीब आना चाहता था, कि जब भी तेरी आखों से आँसू गिरे तो मेरे कंधे पे गिरे…
- एक ही समझने वाला था मुझे , अब वो भी समझदार हो गया
- तुझे हर बात पर मेरी ज़रुरत पड़ती , काश ! मैं भी एक झूठ होता
- कई बार सोचता हूँ कि तुझसे सवाल करूँ…फिर ख्याल आता है कि किस हकसे…
- हमें किसी से शिकायत नहीं अब , बस अपने आप से रूठे है हम
- कोई ज़मीन पर लाए ख़ुदा को गवाही के लिए… मेरे नसीब में वो नहीं ये दिलमानता नहीं अब भी…
- कभी-कभी दर्द इतना बड़ जाता है कि,अगर कोई गलती से भी गले लगा ले तोआंख छलक जाए
- जो नसीब में नहीं होता , वो रोने से भी नहीं मिलता
- मेरे लफ़्ज़ों में ज़िंदा रहने वाली ,मैं तेरी ख़ामोशियों से मर रहा हूँ
- कभी आकर देखना मेरे दिल में, कि कितनी फ़ुर्सत से टूटा है आशियाना मेरा..
- वो ढूंढ रहे हैं आशिक हमें धोखेबाज कहकर,और एक हम हैं जो उन्हें खोने केडर से उनके फरेब को देखते हुए भी अनजान बने रहे
- खैर कुछ तो किया उसने, चलो तबाह ही सही ।।
- अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ, कल एक एक से पूछोगे की उसेहुआ क्या था..??
- मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता.. बेचारा दिल तुम्हारी खामोशीको इश्क़ समझ बैठा….
- इतने मशरूफ़ कहाँ हो गए तुम आजकल दिल तोड़ने भी नहीं आते
- आज इतने सालों बाद उसने मुझसे कहा कि मैं अपनी ग़लती की माफ़ी माँगतीहूँ, और मैं रोते हुए सिर्फ़ यही बोल पाया कि प्यार को ग़लती नहीं कहते …
- सब हमसे शिकायत करते हैं क़ि हम पत्थर होते जा रहे हैं… कोई इन हालातों सेभी तो पूछो… जो बद से बदतर होते जा रहे हैं …..
- वजह कुछ और थी, कुछ और ही बताते रहे….अपने थे इसलिये, कुछ ज्यादा हीसताते रहे…
- ये जो तुम्हारी याद है ना, बस एक यही मेरी जायदाद है ..
- उदास रातें, तन्हाई, अंधेरा, यादो की बैचेनी, मुझे हर रोज यह सब सौंप कर सूरज डूब जाता है..
- वही किस्सा वही तेरी बेरुखी और वही तुम……एक ही एहसास हम कितनी बारलिखें …..
- वो कहती थी कि मैं दिल का बहुत अच्छा हूँ फिर ना जाने क्यो आज बुरा बताकरछोड़ गयी …
- जिन्दगी भी आजकल जुदा जुदा सी लगती है, साँस भी लू तो कमबख्त जख्मो को हवा लगती है
- खिलौना बन गयी हूँ उसके हाथों की , रूठता वो है टूटती मैं हूँ…
- बहुत दिनों बाद उसे देखा, दिल नहीं भरा पर आँखें भर आईं….
- किसने कहा कि हम झूठ नहीं बोलते एक बार हमारी खैरियत पूछ कर तो देखो
- पास आने की ख्वाइशें तो बहुत थी मगर पास आकर पता चला मोहब्बत फासलों में है
- घाटे और मुनाफे का बाज़ार नहीं… इश्क़ एक इबादत है, कारोबार नहीं….
- हमारी आदत नहीं दिल दुखाने की, हम तो हमेशा प्यार से पेश आते हैं…… बदले हुए अंदाज़ तो आपके है… जो बिना बात किए चले जाते है
- कितने बेवफा होता है ये जुगनू भी … रौशनी दिखाकर अंधेरों की तरफ ले जाते हैं
- याद आ जाये तो बता देना … मैंने आज भी दिल के दरवाज़े खुले रखे है
- कभी आसूं तो कभी खुशी देखी.. हमने अक्सर मजबूरी और बेबसी देखी.. उनकी नाराजगी को हम क्या समझे.. हमने खुद की तकदीर की बेबसी देखी…
- कुछ शिकवे ऐसे थे कि खुद ही किये और खुद ही सुने
- इतना भी दर्द ना दे ज़िन्दगी , इश्क़ ही किया था कोई क़तल नहीं
- मैं तुम्हारी वो याद हूँ जिसे तुम अक्सर भूल जाते हो
- उनका इलज़ाम लगाने का अंदाज़ इतना बेहतरीन था कि हमने खुद ही अपनेखिलाफ गवाही दे दी
- वो शख्स मेरे हर किस्से कहानी में आया … जो मेरा हिस्सा होकर भी मेरे हिस्सेना आया
- सारी दुनिया को छोड़ तुझे अपना बनाया था , करोगे सदियों तक याद कि किसीने दिल लगाया था
- तेरा हाथ पकड़ कर तुझे रोक लेते अगर तुझ पर थोड़ा सा ज़ोर होता मेरा , नारोते हम यूँ तेरे लिए अगर हमारी ज़िन्दगी में कोई और होता
- माना तुम लफ़्हज़ों के बादशाह हो पर हम भी ख़ामोशियों पर राज़ करते हैं
- सितारों से सज़ी रात होगी जब सज़ी उसकी बारात होगी, यही सोच कर जागता हूँ रातों को, किसी गैर की बाँहों में मेरी क़ायनात होगी…..
- तेरे ज़ुलम तय है और हमारी बर्दाश्त ज़ाहिर है , तुम अपने फन में माहिर हो…हम अपने फन में माहिर है
- मेरी मोहब्बत आधी रह गयी, पर उसका Timepass पूरा हो गया…
- मैं तुम पर अपनी जान भी ….लुटा दूँ……..तुम मुझ से …….मुझ जैसी मोहब्बत तोकरो..
- चलो मान लिया मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती , मगर ये तो बताओ तुम्हें दिलतोड़ना किसने सिखाया
- देख तेरा दिया हुआ गुलाब कैसा रंग लाया है…. जो सज ना सका डोली पर तेरी…. आज मेरे जनाजे पे काम आया है..
- कोई बनता ही नही मेरा …… तुम अपनी ही मिसाल ले लो…
- आँसू वो खामोश दुआएँ है , जो सिर्फ रब्ब ही सुन सकता है…
- कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी…जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहाएगा …
- इन्सान अपनी मर्जी से खामोश नहीं होता किसी ने बहुत सताया हुआ होता है
- हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे…कभी चाहा था किसी ने तुम ये खुद कहोगे…
- तुम जाओ अपनी ख़ुशी देखो , दिल का क्या है …. इसे हम मना लेंगे
- दिल चाहता है आज रो लूँ मैं जी भर के, ना जाने किस-किस बात पर उदासहूँ…..
- वफ़ा के नाम पर तुमने सब कुछ लूट लिया , अब दो चार साँसे छोड़कर क्योंएहसान करते हो मुझपर …..
- कुछ प्यार भरे लफ्जों की तलाश में….हम रो पडे़ खुद को तसल्ली देते हुए
- जब कभी देखो तो मुझे निगाह थाम कर देखना……कही मेरी दर्द भरी निगाहो सेतुम्हे मोहब्बत न हो जाए
- मोहब्बत करने वाले ना जीते है ना ही मरते है, फूलों की चाह में वो काँटों पर सेगुजरते है
- इस तरह भी मोहब्बत होती है क्या…कोई तरसे किसी की याद में…और उसेखबर भी न हो…
- मुझे भी पता है तुम मेरे नहीं हो , इस बात का बार बार एहसास मत दिलवायाकरो
- किसी से इतनी मोहब्बत भी ना करो कि उसके जाने के बाद जो भी आए उससेमोहब्बत हो ही ना पाए
- जो आपकी ख़ुशी छीन ले उसके पीछे रोने का कोई फायदा नहीं
- मेरे लिखे लफज़ ही पढ़ पाया वो बस , मुझे भी पढ़ पाए इतनी उसकी तालीम नहीं
- कसूर तो बहुत किये ज़िन्दगी में , पर सज़ा वहाँ मिली जहाँ बेक़सूर थे हम
- कोई बेसबब, कोई बेताब, कोई चुप, कोई हैरान ……ऐ जिंदगी, तेरी महफ़िल केतमाशे ख़त्म नहीं होते
- दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ , सुना है दर्द बहुत वक़्त तक साथ रहता है
- कौन पूरी तरह काबिल है , कौन पूरी तरह पूरा है , हर एक शख्स कहीं ना कहींकिसी जगह से अधूरा है
- तुम अगर ख्वाब हो तो नींद हमें भी बहुत गहरी आती है
- फर्क है तुम्हारी और मेरे दर्द में तुम्हारी आँखें रोती है और हमारा दिल
- बहुत तकलीफ देते है वो ज़ख्म जो बिना बात के मिलते है
- ज़ख्म तो हम भी अपने दिल में तुमसे गहरे रखते हैं , पर हम अपने ज़ख्मों परमुस्कुराहट के पहरे रखते हैं
- मिल गया होगा कोई गज़ब का हमसफ़र , वरना मेरा यार यूँ बदलने वालों में सेना था
- वजह पूछने का मौका ही नहीं मिला , वक़त गुज़रता गया और हम अजनबी बनते गए
- अगर ज़िन्दगी प्यारी है तो ज़िन्दगी में कभी भी प्यार मत करना
- अच्छा हुआ कि तुमने हमें तोड़ कर रख दिया , घमण्ड भी हमें बहुत था तेरे होनेका
- हाल पूछा न खैरियत पूछी आज भी उसने मेरी हैसियत पूछी
- हिसाब बराबर रहा चलो कोई गम नहीं , हमारे पास तुम नहीं .. तुम्हारे पास हमनहीं
- खुशनसीब होते हैं बादल,जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं…. और एक बदनसीब हम हैं….जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं…
- क्यों बहाने करते हो मुझसे रूठ जाने के… साफ़ साफ़ कह देते दिल में जगह नहीं है हमारे लिए
- जहाँ भी देखूँ अँधेरा ही अँधेरा है,तेरे सिवा कौन यहाँ मेरा है
- सुना था हमारे दर्द का एहसास अपनों को होता है पर अपने ही दर्द दे तो एहसास कौन करे
- अक्सर ठहर कर देखता हूँ मैं अपने पैरो के निशान वो भी अधूरे लगते है तेरे साथ के बिना
- आज अकेला हूँ तो क्या हुआ…कोई था मेरा अपना भी..कुछ वक़्त पहले…
- जाते जाते उसने कहा कि मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ
- बिछड़ने का तो वो पहले से ही मन बना चुकी थी अब तो बस उसे मेरी तरफ सेबहाना चाहिए था
- दर्द सहते सहते इंसान सिर्फ हसना नहीं रोना भी छोड़ देता है
- युहीं नहीं इश्क़ में रोता कोई जिसे हद से ज्यादा चाहो वो रुलाता ज़रूर है
- कहते हैं बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता , पता नहीं इतने गम पाने के लिए मैंनेकौन सी मेहनत की थी
- देख कर तुमको अक्सर हमे ये एहसास होता है … कभी कभी दुःख देने वाला भीकितना ख़ास होता है
- अगर तुम अजनबी थे तो लगे क्यों नहीं और अगर मेरे थे तो मुझे मिले क्यों नहीं
- आज़ाद कर दिया हे हमने भी उस पंछी को … जो हमारी दिल की कैद में रहनेको तौहीन समझता था
- उससे मिले हुए ज़माना हो गया फिर भी यही दुआ निकलती है कि वो खुश होजहाँ कहीं भी हो
- दिल तो करता है ख़तम कर दूँ ये दर्द से भरी ज़िन्दगी फिर ख्याल आता है वो नफरत किस से करेंगे अगर हम ही न रहे इस जहाँ में
- अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का ……. के भूल जाओ तो मानूँ कि मुझसे मोहब्बत है।
- तकलीफ़ ये नही कि प्यार हो गया…… दर्द ये है कि अब भुलाया नहीं जा रहा…
- कितने दिन गुजर गए और तुमने याद तक ना किया.. मुझे नहीं पता था..की इश्कमें छुट्टिया भी होती है
- इत्तेफ़ाक़ से मिल जाती हो जब तुम कभी राह में , ऐसा लगता है जैसे ज़िन्दगी जारही है करीब से
- खफ़ा भी हो तो मुँह मोड़कर नहीं जाना, तुम्हे कसम है मुझे छोड़कर नहीं जाना
- सुनो मुझे एक ऐसा शख्स चाहिए,जो डरता हो मुझे खोने से !!
- मेरे नहीं हो सकते ,तो कुछ ऐसा कर दो मैं जैसी थी फिर से मुझे वैसा कर दो
- काश वो आए और हमें देख कर कहे कि हम मर गए है जो तुम इतने उदास हो
- हैरान हूँ मैं तुम्हारी हसरतो पर…तुमने सब कुछ माँगा मुझसे बस मुझे छोड़ कर…
- हमने उम्र गुजारी है तुम्हारी ख़ामोशी पड़ते हुए , अब एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हेमहसूस करते हुए
- आँसू छिपा लिए हमने ये सोचकर क्यों किसी को उदास करना खुद उदासरहकर
- कौन कहता है कुछ तोङने के लिए पत्थर जरूरी है. … लहजा बदल कर बोलनेसे भी बहुत कुछ टूट जाता है..
- तेरी नियत नहीं थी साथ चलने की , वरना साथ निभाने वाले रास्ता देखा नहींकरते
- बहुत अंदर तक तबाही मचाता है…वो आँसू जो आँख से बह नहीं पाता
- वो तितलियों से खेलने वाली थी , कोई उसके दिल से खेल गया
- जब रिश्तों में ग़लतफहमी आ जाये तो सच्चा प्यार भी झूठा लगने लगता है
- ना आवाज हुई, ना तमाशा हुआ….बड़ी ख़ामोशी से टूट गया, एक “भरोसा” जोतुझ पर था
- मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है शोर भी , तूने देखा ही नहीं , मेरी आँखों में कुछऔर भी है
- एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम दोस्ती निभाते रहे…..और उसेइश्क हो गया..
- ना जाने कितनी ख्वाईशें दफन है इस दिल में ….. कैसे दफनाओगे एककब्रिस्तान को एक कब्र में…
- अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर…. सो जाऊँ तो उठा देती हैं जाग जाऊँतो रुला देती हैं….
- बहुत से रिश्ते इसलिए ख़त्म हो जाते है क्यूँकि एक सही बोल नहीं पाता दूसरासही समझ नहीं पाता
बरबाद कर देती है मोहब्बत , हर मोहब्बत करने वालों को … क्यूंकि इश्क़ हार नहीं मानता और दिल बात नहीं मानता
- सच कहूँ तो उसके बिना दिन रात गुज़र तो जाते हैं ….. पर गुजारे नहीं जाते
- अब ना करूँगा अपने दर्द को बयान , जब दर्द सहना मुझको ही है तो तमाशाक्यों करना
- जिनके दिल पे चोट लगती है ना दोस्तों वो आंखों से नहीं दिल से रोते है
- तकलीफ़ ये नहीं,के तुम्हें अज़ीज़ कोई और है, दर्द तब हुआ,जब हमनज़रअन्दाज़ किए गए…
- करीब आओगे तो शायद हमे समझ लोगे……ये दूरियाँ तो केवल फासले बढातीहै
- कमाल की मोहब्बत थी उसको हमसे यारों,अचानक ही शुरू हुई और बिनबतायें ही ख़त्म
- मजबूरियाँ तुम्हारी समझते- समझते सारी बात समझ गए हम
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